Friday, November 15, 2013

Kumar Vishwash - भ्रमर कोई कुमुदिनी पर, मचल बैठा तो हन्गामा

भ्रमर कोई कुमुदिनी पर, मचल बैठा तो हन्गामा । हमारे दिल मे कोई ख्वाब, पल बैठा तो हन्गामा । अभी तक डूब के सुनते थे, सब किस्सा मोहब्ब्त का । मै किस्से को हकीकत मे, बदल बैठा तो हन्गामा ।


Kumar Vishwash – भ्रमर कोई कुमुदिनी पर, मचल बैठा तो हन्गामा


भ्रमर कोई कुमुदिनी पर,

मचल बैठा तो हन्गामा ।

हमारे दिल मे कोई ख्वाब,

पल बैठा तो हन्गामा ।

अभी तक डूब के सुनते थे,

सब किस्सा मोहब्ब्त का ।

मै किस्से को हकीकत मे,

बदल बैठा तो हन्गामा ।



Kumar Vishwash - भ्रमर कोई कुमुदिनी पर, मचल बैठा तो हन्गामा

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